White button Mushroom compost ingredients in hindi
White button Mushroom compost ingredients in hindi
कम्पोस्ट के बहुत सारे संगठक है। मशरूम उगाने में कम्पोस्ट का उपयोग माध्यम के रूप में करते हैं। कम्पोस्ट माध्यम को क्रियाधार कहते हैं। जिस परत में कवकतन्तु बनता है उसे अवस्तर कहते हैं। कम्पोस्ट के मुख्य संगठक जैविक पदार्थ होतें हैं। जिन्हें पौधों तथा जीवों के अवशेषों से प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए भूसा, घास, हेज की कटी टहनियां, हरी खाद, खेतों में बिखरी खाद, पशुओं का गोबर जब विघटित हो जाय, इत्यादि। घोङों की लीद से बनी हुई खाद अन्य जानवरों के गोबर से बनी हुई खाद की तुलना में अच्छी मानी जाती है। ऐसा गोबर जो पशुओं को अधिक पुआल खिलाने से मिलता है वह भी मशरूम में उपयोगी कम्पोस्ट बनाने के लिए अच्छा है।
गेहूं का भूसा पुआल के भूसे से अच्छा माना जाता है।
कङी लकड़ी का बुरादा भी कम्पोस्ट बनाने के लिए अच्छा घटक है। कङी लकड़ी का बुरादा मुलायम लकड़ी से अच्छा होता है क्योंकि मुलायम लकड़ी में राल व लिग्निन की मात्रा अधिक होती है।
बटन मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट को नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाया जाता है। अन्यथा उत्पादन कम हो जाता है। कार्बोहाइड्रेट और नाइट्रोजन का अनुपात 17:1 का होना चाहिए। कम नाइट्रोजन में पैदावार भी कम ही होता है। कम्पोस्ट के अधिकांश अवयवों में जैसे घास, भूसा, लकड़ी का बुरादा, गेहूं का चोकर इन सभी में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत अधिक होती है। इसलिए नाइट्रोजन का अनुपात बनाये रखना चाहिए। अंडजनन के समय कम्पोस्ट में नाइट्रोजन का अनुपात 3 % होना चाहिए।
कम्पोस्ट के पहले चरण में नाइट्रोजन का अधिकतर भाग अमोनिया गैस में बदल जाता है। बाद के चरणों में अमोनिया सूक्ष्म जैविक प्रोटीनो के साथ मिलकर कई सूक्ष्म यौगिकों का निर्माण करते जो मशरूम के लिए बहुत उपयोगी भोजन का कार्य करता है, क्योंकि जैविक नाइट्रोजन में कार्बन, पोटेशियम व फास्फोरस विद्यमान रहता है। इसके अलावा जैविक विघटन में ताप पैदा होता है जो कवकजाल की वृद्धि में बहुत सहायक होता है।
तकनीक —
कम्पोस्ट बनाने के प्रक्रमों में दीर्घ और लघु विधियां प्रचलित है। पहली विधि में 3 से 4 सफ्ताह का समय लगता है और दुसरी में केवल 12 से 14 दिन का समय उपयुक्त होता है।दीर्घ विघि -
एक साफ सिमेंट की बनी हुई फर्श पर या फिर पालिथिन की चादर का भी उपयोग किया जा सकता है। स्थान छायादार व खुला हुआ होना चाहिए जिससे हवा का आवागमन बना रहे ऐसा स्थान कम्पोस्ट के लिए उपयुक्त होगा।प्राकृतिक कम्पोस्ट -
प्राकृतिक कम्पोस्ट घोङे की लीद से बनाई जाती है। इसमें घोङो के निचे ढेर सारा भूसा या पुआल बिछा दिया जाता है। लीद, पेशाब और भूसा आपस में मिलकर खाद बनाते हैं। पुआल और लीद का भारात्मक अनुपात 1/3 होना चाहिए। 3-4 दिनों में किण्वन शुरू हो जायेगा। फलस्वरूप ढेरी के अन्दर का तापमान बढ़ जायेगा और अमोनिया गैस निकलना आरंभ हो जाता है। 4-5 दिनों के अंतराल पर ढेरी को तोड़कर फिर ढेरी बना देनी चाहिए। यह प्रक्रिया 4-5 बार दोहराई जानी चाहिए। आखिरी बार में 25 किलोग्राम प्रतिटन की दर से कम्पोस्ट में मिला देनी चाहिए।कित्रिम कम्पोस्ट -
कित्रिम कम्पोस्ट बनाने के लिए निम्नलिखित घटकों की आवश्यकता होती है। यहां पर अलग - अलग कई घटकों का विवरण दे रहे हैं, सुविधा अनुसार चयन कर सकते हैं :सामग्री 1 -
गेहूं का भूसा या पुआल - 25 किलोग्राम
(8-10 से. मी. के टुकड़े)
गेहूं का चोकर - 25 किलोग्राम
अमोनियम सल्फेट /
कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट - 400 ग्राम
यूरिया. - 30 ग्राम
जिप्सम. - 2 किलोग्राम
सामग्री 2-
गेहूं का भूसा (30 से. मी. के टुकड़े). - 100 किलोग्राम
धान का पुआल. - 100 किलोग्राम
कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट. - 3 किलोग्राम
सुपर फास्फेट - 3 किलोग्राम
यूरिया - 1 किलोग्राम
गेहूं का चोकर. - 10 किलोग्राम
जिप्सम. - 4 किलोग्राम
चाक पाउडर (CaCO3). - 3 किलोग्राम
सामग्री 3 -
घोड़े की लीद. - 200 किलोग्राम
गेहूं का भूसा. - 100 किलोग्राम
मुर्गीखाने की खाद - 50 किलोग्राम
गैह. - 15 किलोग्राम
यूरिया. - 3 किलोग्राम
जिप्सम. - 10 किलोग्राम
सामग्री 4 -
धान का पुआल. - 33 किलोग्राम
मुर्गीखाने की खाद. - 10 किलोग्राम
गेहूं का चोकर. - 1.5 किलोग्राम
जिप्सम. - 1 किलोग्राम
सामग्री 5 -
गेहूं का भूसा. - 1 टन
कैल्शियम अमोनियम नाइट्रेट - 30 किलोग्राम
सुपर फास्फेट. - 25 किलोग्राम
यूरिया. - 12 किलोग्राम
सल्फेट अॉफ पोटाश. - 100 किलोग्राम
गेहूं का चोकर. - 100 किलोग्राम
शीरा (molasses). - 16.5 किलोग्राम
सूत्र कृमि नाशक (Nematocide) - 266 मिली.
सामग्री 6 -
धान का पुआल. - 100 किलोग्राम
यूरिया. - 1 किलोग्राम
अमोनियम सल्फेट. - 2 किलोग्राम
सुपर फास्फेट. - 2 किलोग्राम
चाक पाउडर. - 2 किलोग्राम
चूना (हवा में बुझा हुआ). - 2 किलोग्राम
पानी. - 200 लीटर
जब भी कम्पोस्ट बनाना शुरू करे तो सबसे पहले भूसा या पुआल को भिगो दें 48 घंटे के लिए इसके पश्चात जब सारा पानी निथर जाय तब उसमें सब सामग्री मिलाएं।
ढेरी को तोङने और वापस बनाने की समय सारणी -
प्रथम दिन - ढेरी बनाना
प्रथम तुणाई. - पॉचवें दिन (यूरिया और CAN का आधा भाग मिला देवें)
दुसरा तुणाई. - सातवें दिन (शीरा मिला दे)
तिसरा तुणाई. दसवें दिन (चोकर +यूरिया +CAN की सभी मात्रा मिला दें)
अब हर तीसरे दिन ढेरी की तुणाई करनी चाहिए और कम्पोस्ट में नमी चेक करें यदि नमी कम हो तो पानी का छिङकाव करते रहें। इसी तरह से चौथे, पांचवे व छटवी तुणाई कर लेनी चाहिए।
सातवीं तुणाई. - कम्पोस्ट में जिप्सम और कृमिनाशक मिलाकर स्पॉनिंग करें।
Thik hai
ReplyDeleteWonder how much we have worked on Tumbler System as it rotates with situations allows a batch in 10-15 days.
ReplyDeleteमै समझ नहीं पा रहा हूँ ।कृपया समझने की कोशिश करें। धन्यवाद
DeleteHi is there any equipment to check how much amount of nitrogen in our compost on spanning time
ReplyDeleteHi is there any equipment to check how much amount of nitrogen in our compost on spanning time
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